हनुमान बेनीवाल राजस्थान की राजनीति में एक प्रमुख हस्ती हैं, जिन्होंने किसानों, युवाओं और आम जनता की आवाज़ को विधानसभा से लेकर संसद तक पहुँचाया है।
हनुमान बेनीवाल कौन हैं?
वे अपने बेबाक और स्पष्टवादी स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। वे पहले भाजपा में थे, फिर उन्होंने अपनी पार्टी—राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी)—बनाई और आज राजस्थान में तीसरी राजनीतिक ताकत माने जाते हैं।

प्रारंभिक जीवन और परिवार
| विवरण | जानकारी |
|---|---|
| पूरा नाम | हनुमान बेनीवाल |
| जन्म | 2 मार्च 1972 |
| जन्मस्थान | बरणगाँव, नागौर जिला, राजस्थान |
| पिता | रामदेव बेनीवाल |
| माता | मोहिनी देवी |
| भाई | नारायण बेनीवाल (राजनीति में सक्रिय) |
| पत्नी | कनिका बेनीवाल (विवाह 9 दिसंबर 2009) |
| बच्चे | एक बेटा – आशुतोष, एक बेटी – दिया |
| शिक्षा | बी.ए. और एलएल.बी. (राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर) |
| पेशा | राजनेता, किसान, समाजसेवी |
हनुमान बेनीवाल का जन्म 2 मार्च, 1972 को बरनगाँव (नागौर, राजस्थान) में हुआ था। उनके पिता रामदेव बेनीवाल और माता मोहिनी देवी हैं। उनके भाई, नारायण बेनीवाल भी राजनीति में सक्रिय हैं।
उन्होंने बी.ए. और एल.एल.बी. की डिग्री प्राप्त की है। राजस्थान विश्वविद्यालय से। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई की और 1990 के दशक में छात्र राजनीति में अपना सफ़र शुरू किया।
छात्र राजनीति से राजनीति तक
कॉलेज के दिनों में ही वे एक लोकप्रिय छात्र नेता बन गए— 1994-95 में महाराजा कॉलेज, जयपुर के अध्यक्ष,1996 में लॉ कॉलेज के अध्यक्ष,और 1997 में राजस्थान विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष।
उसी समय से, उन्होंने जन मुद्दों के लिए संघर्ष करना शुरू कर दिया और इसी जुनून ने उन्हें बाद में विधानसभा तक पहुँचाया।
विधानसभा और संसद का सफ़र
- 2008: भाजपा के टिकट पर खींवसर विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने।
- 2013: भाजपा से मतभेद के बाद, निर्दलीय चुनाव लड़ा और फिर से जीत हासिल की।
- 2018: अपनी खुद की पार्टी, आरएलपी (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी) बनाई और फिर से जीत हासिल की।
- 2019: नागौर लोकसभा से सांसद चुने गए (एनडीए गठबंधन के हिस्से के रूप में)।
- 2024: इंडिया गठबंधन के समर्थन से नागौर से पुनः सांसद चुने गए।
जन मुद्दों के लिए संघर्ष
हनुमान बेनीवाल का राजनीतिक ध्यान हमेशा किसानों, युवाओं और छात्रों पर रहा है।उन्होंने कई आंदोलनों में भाग लिया—किसान आंदोलन: एमएसपी को कानूनी दर्जा देने की मांग की। पेपर लीक विरोध: राजस्थान में भर्ती घोटालों के खिलाफ आवाज उठाई। भ्रष्टाचार विरोधी अभियान: सरकारी विभागों में अनियमितताओं का पर्दाफाश किया। युवा रोजगार आंदोलन: भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग की।

हनुमान बेनीवाल को “किसानों की आवाज” के रूप में जाना जाता है। उनकी रैलियों में भारी भीड़ उमड़ती है, और वे अपनी ईमानदार, सीधी भाषा में जनता से संवाद करते हैं। राजस्थान की राजनीति में वे भाजपा और कांग्रेस दोनों के विकल्प के रूप में उभरे हैं।
हाल की गतिविधियाँ (2024-2025)
राजस्थान सब इंस्पेक्टर परीक्षा पेपर लीक मामले में सरकार के इस्तीफे की माँग की।उच्च न्यायालय ने उनके सरकारी आवास पर की गई कार्रवाई पर रोक लगा दी। किसानों के लिए एमएसपी कानून के लिए निरंतर संघर्षरत।
| वर्ष | क्षेत्र | दल | परिणाम |
|---|---|---|---|
| 2008 | खींवसर | बीजेपी | जीते |
| 2013 | खींवसर | निर्दलीय | जीते |
| 2018 | खींवसर | RLP | जीते |
| 2019 | नागौर (लोकसभा) | RLP (NDA समर्थित) | जीते |
| 2024 | नागौर | RLP (INDIA गठबंधन) | जीते |
हनुमान बेनीवाल आज राजस्थान के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक हैं। वे राजनीति को सेवा और संघर्ष का माध्यम मानते हैं। किसानों, युवाओं और आम जनता की आवाज़ बनकर उन्होंने साबित कर दिया है कि सच्ची राजनीति अभी भी मौजूद है।











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