राजस्थान के नागौर ज़िले के डेगाना शहर चान्दारून रोड पर स्थित श्री बाल हनुमान मंदिर सिर्फ़ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था, सद्भाव और लोक संस्कृति का केंद्र बन चुका है। यह मंदिर स्थानीय लोगों की गहरी भक्ति और विश्वास का प्रतीक है। आइए, इसके इतिहास और वर्तमान स्वरूप पर नज़र डालते हैं।
श्री बाल हनुमान मंदिर इतिहास

इसकी नींव 1950 से 1955 के बीच रखी गई थी। मंदिर डेगाना में चान्दारून रोड पर स्थित है। इस मंदिर की स्थापना के पीछे एक दिलचस्प कहानी है। कहा जाता है कि इस स्थान के पास एक सरकारी स्कूल है एक दिन स्कूल के छात्रों ने खेजड़ी के पेड़ के नीचे एक पत्थर रखा और उस पर सिंदूर चढ़ाकर पूजा शुरूकरने लगे । धीरे-धीरे लोगों ने उस पत्थर को भगवान हनुमान का रूप मान लिया और मंदिर निर्माण की दिशा में कदम उठाए।
मंदिर से जुड़ी नई तस्वीरें और अपडेट्स देखने के लिए आप मंदिर का आधिकारिक इंस्टाग्राम पेज देख सकते हैं:
👉 @bal_hanuman_official
बाद में वर्ष 1978 में मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया, जिससे इसकी भव्यता और बढ़ गई। वर्तमान में मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो चूका है और बाल हनुमान मंदिर वाटिका का निर्माण चल रहा है , जिससे यह डेगाना का एक प्रमुख धार्मिक स्थल बन गया है।
श्री बाल हनुमान मंदिर महत्व और आस्था
श्री बाल हनुमान मन्दिर सेवा ट्रस्ट ,चांदारुण – डेगाना के हर मंगलवार और शनिवार को मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। इन दिनों सुंदरकांड पाठ, भजन-कीर्तन और आरती का विशेष आयोजन होता है। और हर मंगलवार को मंदिर में किसी भक्त दवारा प्रसाद का वितरण करवाया जाता है कोई भक्त मंगलवार को प्रसाद वितरण करवा सकता है , हर वर्ष हनुमान जयंती के अवसर पर विशाल पदयात्रा, भंडारा और भव्य आरती का आयोजन किया जाता है, जिसमें दूर-दूर से भक्त भाग लेते हैं।
श्री बाल हनुमान मंदिर मंदिर की बनावट और वातावरण
मंदिर परिसर भक्ति और शांति का संगम है। लाल सिंदूर से सजे बाल हनुमान के दर्शन से श्रद्धालु ऊर्जा और सकारात्मकता का अनुभव करते हैं। सुबह और शाम की आरती के समय मंदिर का वातावरण भक्तिमय हो उठता है। घंटियों की मधुर ध्वनि और हनुमान स्तुति के मंत्रों से हवा गूंज उठती है। मंदिर की साफ-सफाई, प्रसाद वितरण और भक्तों की सेवा भावना इसे और भी विशेष बनाती है।
श्री बाल हनुमान मंदिर – पहुँच मार्ग
मंदिर डेगाना रेलवे स्टेशन से कुछ ही दूरी पर स्थित है। यहाँ तक पैदल, रिक्शा या स्थानीय वाहन से आसानी से पहुँचा जा सकता है। जयपुर, जोधपुर और अजमेर से डेगाना रेल और सड़क दोनों मार्गों से जुड़ा हुआ है। मंदिर तक पहुँचने का सबसे आसान मार्ग चंद्रून रोड है, जिसे स्थानीय लोग भी सबसे उपयुक्त बताते हैं।
श्री बाल हनुमान मंदिर परंपराएँ और सुझाव
मंदिर में प्रवेश करने से पहले जूते उतारना और शांत मन से बैठकर ध्यान करना शुभ माना जाता है। आरती के समय उपस्थित रहना विशेष फलदायी माना जाता है।
यहाँ भक्त अपनी मनोकामनाएँ लिखकर बाल हनुमानजी के चरणों में रखते हैं। यह परंपरा आज भी भक्तों के बीच प्रचलित है। दर्शन के बाद आसपास की दुकानों पर मिलने वाली राजस्थानी मिठाइयों और व्यंजनों का स्वाद अवश्य लेना चाहिए।
बाल हनुमान मंदिर, डेगाना न केवल एक पूजा स्थल है, बल्कि लोक आस्था, भक्ति और सामाजिक एकता का जीवंत उदाहरण है। जहाँ कभी कुछ छात्रों की श्रद्धा से एक साधारण पत्थर की पूजा शुरू हुई थी, आज वही स्थान लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र बन चुका है।
यहाँ आने वाला हर व्यक्ति नई ऊर्जा, शांति और विश्वास के साथ लौटता है। यही बाल हनुमान मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है।






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